हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیهالسلام
ثَلَاثَةٌ لَا یَنْظُرُ اللَّهُ إِلَیْهِمْ یَوْمَ الْقِیَامَةِ وَ لَا یُزَکِّیهِمْ وَ لَهُمْ عَذَابٌ أَلِیمٌ: الدَّیُّوثُ مِنَ الرِّجَالِ، وَ الْفَاحِشُ الْمُتَفَحِّشُ، وَ الَّذِی یَسْأَلُ النَّاسَ وَ فِی یَدِهِ ظَهْرُ غِنًى.
इमाम जाफर सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
तीन प्रकार के लोग हैं जिनकी तरफ़ अल्लाह क़यामत के दिन न तो रहमत की नज़र से देखेगा, न उन्हें पवित्रता मिलेगी, बल्कि उनके लिए दर्दनाक सज़ा होगी:
1)वह पुरुष जो ‘दीयोस’ हो यानी जो अपनी औरतों की बेहयाई या बदकारी पर कोई शरम या गैरत ना खाए।
2)वह व्यक्ति जो खुद भी गंदी बातें करता हो और दूसरों को भी गंदी बातें सिखाए या बढ़ावा दे।
3)वह आदमी जो बे नियाज़ होते हुए लोगों से सवाल करें या उनके आगे हाथ फैलाए
बिहारूल अनवार,पेंज 112
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